Onam Kaha Ka Tyohar Hai: भारतीय सभ्यता में त्यौहारों का महत्व अत्यधिक होता है। यहाँ एक ऐसे प्रसिद्ध और रंगीन त्यौहार की बात हो रही है जिसे “ओणम” कहा जाता है। ओणम के त्यौहार का महत्वपूर्ण स्थान हिन्दी जनजाति के लोगों के दिलों में है, जिसे हम इस लेख में विस्तार से जानेंगे।
परंपरागत मूलभूत
ओणम एक परंपरागत पर्व है जो पूर्वी भारत में मनाया जाता है। यह पर्व पुणे, महाराष्ट्र की ओणमाच्या वटी, आसाम के बिहु और केरल के केरलाच्या ओणम नामक पर्व से मिलकर बनता है। Onam Kaha Ka Tyohar Hai.
ओणम का महत्व
ओणम को भारतीय ग्रीष्म ऋतु में मनाया जाता है और यह ख़ासकर किसानों के लिए बड़ा महत्व रखता है। इसे सबसे ज्यादा मिथाइयों और पारंपरिक खानों के साथ मनाया जाता है, जिनमें बिरयानी, पायसम, और अन्य स्पेशल डिशेज शामिल होते हैं।
ओणम का खास त्यौहार
ओणम के त्यौहार का आयोजन चांगुल कुरियोन के महाराजा वम्मन ठाम्पि वारियार द्वारा किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को एकजुट होकर ख़ुशी मनाने का होता है और वे अपनी खेतों की सुरक्षा के लिए धन्यवाद देते हैं।
ख़ास परिप्रेक्ष्य
इस पर्व का एक विशेष परिप्रेक्ष्य यह है कि यह पुराने समय में भी आत्मरक्षा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता था। ख़ासकर किसानों के लिए, जिनका जीवन सीधे प्रभावित होता था।
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ओणम के त्यौहार के चरण
आत्म-सजागता
ओणम के त्यौहार की शुरुआत आत्म-सजागता के साथ होती है, जिसमें लोग अपने घरों को सजाते हैं और उन्हें खूबसूरती से सजाते हैं।
पुक्कलम
पुक्कलम एक पर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें लोग अपने घरों के सामने रंगीन फूलों की एक अनूठी रचना बनाते हैं।
कथाएँ और गीत
त्यौहार के दौरान लोग ख़ास रूप से कथाएँ और गीत गाते हैं, जो उनकी संप्रेषणा को बढ़ाते हैं और एक-दूसरे के साथ बंधन बढ़ाते हैं।
तिरुवातिरक्का
तिरुवातिरक्का एक अन्य महत्वपूर्ण पर्व है जो ओणम के त्यौहार के अंत में मनाया जाता है, जिसमें लोग विभिन्न पारंपरिक खेल और मनोरंजन का आनंद लेते हैं।
आज का समय
आजकल ओणम के त्यौहार को लोग उत्सवी भावना के साथ मनाते हैं, लेकिन विकास के साथ-साथ इसका अर्थ भी बदल गया है।
निष्कर्ष
Onam Kaha Ka Tyohar Hai: ओणम भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो गर्मियों की आगाज़ में रंगीनता और उत्सव की भावना लाता है। इस पर्व के माध्यम से लोग एक-दूसरे के साथ बंधन बनाते हैं और ख़ुशियों का आनंद लेते हैं।
FAQs: Onam Kaha Ka Tyohar Hai:
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ओणम कब मनाया जाता है?
ओणम भारतीय ग्रीष्म ऋतु में मनाया जाता है, जो मार्च-अप्रैल के बीच होता है।
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ओणम का महत्व क्या है?
ओणम का महत्वपूर्ण स्थान हिन्दी जनजाति के लोगों के दिलों में है, और यह ख़ासकर किसानों के लिए बड़ा महत्व रखता है।
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ओणम के त्यौहार में कौन-कौन सी परंपराएं होती हैं?
ओणम के त्यौहार में पुक्कलम, कथाएँ और गीत, और तिरुवातिरक्का जैसी परंपराएं होती हैं।
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आजकल ओणम कैसे मनाया जाता है?
आजकल ओणम के त्यौहार को लोग उत्सवी भावना के साथ मनाते हैं, लेकिन विकास के साथ-साथ इसका अर्थ भी बदल गया है।